सब्ज़ी वाले भैया ने चूत को चोद कर शांत किया

सब्ज़ी वाला भैया मेरी चूत को अच्छे से चोदता था और साथ में सब्ज़ी
फ्री दिया करता था अपने लम्बे लंड के साथ उसने मेरी चूत में खीरा

और लोकी डाल कर मेरी चूत की प्यास भुजाई ओर अपनी सब्ज़ी वाली दुकान
में मुझे दिन रात चोदा

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम इंशा खान है ओर मैं नोएडा की रहने वाली हु मेरी उम्र 42
साल है मेरा फिगर 36 के बूब्स ओर 32 की कमर है

चटक मटक मेरे बदन का रंग रूप है
गांड मेरी नागिन जैसे इधर उधर अच्छे से चलते टाइम घूमती है

दोस्तों 3 साल पहले मेरे हस्बैंड की कार एक्सीडेंट में डेथ हो गयी थी तब से
मैं अपने आप को बहुत ज्यादा अकेला फील करने लगी

मेरे २ बच्चे है अब तो वो भी जवान हो चुके है इसलिए मैं अपनी सेक्स
की इच्छा को अपने मन में छुपा कर रखती थी लेकिन पति के चले जाने

के बाद मेरी सभी ख़ुशी चली गयी थी इसलिए मैं अपने आपको और अपनी
बात किसी के साथ शेयर नहीं करती थी

एक दिन एक जवान लड़का जिसकी उम्र 27 या 28 साल होगी वो हमारी
शॉप को किराये पर लेने की बात करने लगा

मैंने उसे पूछा किस चीज़ की दुकान खोलना चाहते हो आप तब उसने बताया
भाभी जी हम सब्ज़ी की दुकान खोलना चाहते है

मुझे भी घर से दूर जाना पड़ता था सब्ज़ी लेने पास में रहेगी तो अच्छा रहेगा

दोस्तों सब्ज़ी वाले भैया का नाम मुकेश है वो बिहार के रहने वाले है
वो सब्ज़ी का काम खोलना चाहते थे इसलिए वो हमारी दुकान

किराये पर लेना चाहते थे लेकिन मुकेश की बाते बड़ी अत्रिनगी थी वो
हर बात हस कर किया करता था

उसकी बाते सुन कर मुझे अपने हस्बैंड की याद आ गयी वो भी मुकेश
की तरह बड़े हसमुख थे

2 दिन बाद मुकेश ने दुकान पर सब्ज़ी रख ली उसी दिन से उसकी
दुकान अच्छे से चलने लगी

मुकेश को 4 महने हो चुके थे सब्ज़ी का काम करते हुए मेरी और उसकी
अच्छी बने लगी थी

अब तो वो खुद घर के अंदर सब्ज़ी दे कर चला जाता था मुझे उसके पास
दुकान पर जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती थी

एक दिन वो सब्ज़ी ले कर आया मैं उस समय कपडे बदल रही थी
उसने अचानक से आवाज़ लगाई भाभी आज आपके लिए

देसी खीरे ले कर आया हु बाजार से जब तक मैं उसे रुकने के लिए
बोलती तब तक वो मुझे देख चूका था

फिर उसने जल्दी से अपना मुँह दूसरी तरफ कर लिया और माफी
मांगने लगा फिर मैंने जल्दी से अपने कपडे पहन लिए

लेकिन उसको फिर मेरे लड़के ने डाट दिया ओर बोला भैया आपको
सरम नहीं आती बिना बताये अंदर चले आये आप

फिर मैंने अपने बेटे को समझाया की उसमे उसकी कोई गलती नहीं है
मेरा बेटा मुकेश से नाराज़ हो कर अपने रूम में चला गया

मुकेश दुकान पर लेकिन मुझे अच्छा नहीं लग रहा था मैं मुकेश के
पास दुकान में चली गयी वो मुझे देख कर

माफी मांगने लगा मैंने उसे बोला कोई बात नहीं और मेरे बेटे की
बात का बुरा मत माना उसने जो भी बोला गुस्से में बोला

ये बात बोलते हुए मेरी नज़र उसके लन्ड की तरफ गयी उसका लन्ड पैंट
के अंदर अपनी पोजीशन में आ गया था मेरे नंगे बदन को देखने के बाद

उस समय मैं जल्दी से वापिस अपने रूम में आ गयी अगले दिन बच्चे स्कूल गए हुए थे
तभी मैंने जान भुज कर मुकेश को घर के अंदर बुलाया

मैंने उसे साडी बांधने के लिए बोला वो मेरी बात सुन कर चौक गया
फिर मैंने उसे बोला कोशिस तो करो आज बेटी स्कूल गयी है नहीं

तो वो खुद मेरी हेल्प कर देती मुकेश ने जल्दी से साडी को पकड़ा
ओर बांधने की कोशिस करने लगा जैसे वो कब से ये मौका देख रहा हो

मेरी नज़र उसके लन्ड की तरफ थी वो मुझे देखते देखते खड़ा हो गया
मुकेश साडी बांधने के लिए मेरे करीब आ गया उसके हाथ बार बार मेरी

कमर ओर पेट पर लग रहे थे तभी मेरा हाथ उसके लंड पर लगा
मुकेश मेरी तरफ वासना की नज़रो से देखने लगा

अब तो उसको भी मेरी नज़रो में वाशना नज़र आने लगी हम दोनों एक
दूसरे का शिकार करने के लिए तैयार थे लेकिन शुरू कौन करेगा

इस बात का इंतज़ार कर रहे थे तभी मैंने शुरू करने की सोची क्योकि
अब मुझ से रुका नहीं जा रहा था

फिर मैंने धीरे से मुकेश के लन्ड पर अपना हाथ फेर दिया वो मेरी तरफ ख़ामोशी
के साथ देखने लगा फिर मैंने उसे लिप्स पर किश कर दी

किश करने के बाद तो मुकेश ने मुझे उठा कर दीवार से चिपका दिया
फिर हम दोनों में अच्छे से चूमा चाटी होने लगी

उसके बाद उसने मुझे बेड पर लेटा लिया और फिर हम दोनों ने अपने सभी
कपडे निकाल दिए मुकेश अपने काले लम्बे लन्ड को मेरे सामने हिलाने लगा

फिर उसने मेरे बूब्स अपने मुँह से चूसे उसके बाद उसने मेरी चूत
में अपना मुँह डाल दिया अअअअअअअअ उउउउउउउउउम्मम्मम्म

अब वो मेरी चूत को चाटने लगा ओर चूत के अंदर अपनी जीभ डाल दी
उउउउउउउउम्मम्मम अअअअअअअ दोस्तों साढ़े 3 साल बाद मेरी चूत

को शांति मिल रही थी चूत चाटने के बाद उसने मेरे बूब्स के बिच में
अपने लन्ड को डाल दिया मैंने अपने बूब्स दोनों तरफ से टाइट अपने

हाथो से पकड़ लिए उसके बाद मुकेश अपने लन्ड को मेरे बूब्स के बिच आगे
पीछे करने लगा जब उसका लन्ड आगे आता था तो मेरे होठो को चुम लेता था

ऐसे ही करते करते उसके लन्ड ने अपने माल की पिचकारी मेरे होठो पर मारी
फिर मैंने उसे वापिस दुकान पर जाने के लिए बोला क्योकि स्कूल से बच्चो का

आने का टाइम हो गया था जब बच्चे स्कूल से आ गए तो मैं उनको खाना खिला कर
बोला की मैं मार्किट जा रही हु थोड़ा समय लग जाएगा

उसके बाद मैं मुकेश के पास दुकान में चली गयी

मुकेश ने मुझे देख कर दुकान का शटर डाउन कर दिया और मेरी कमर पकड़
कर किश करने किश करते करते उसने अपनी सब्ज़ी साइड में रख दी

और जहा सब्ज़ी रखता था उस जगा मुझे लेटा लिया उसके बाद मुकेश ने
मेरी तरफ देखा फिर अपने लन्ड पर थूक लगा कर मेरी

चूत में अपना काला लंड डाल दिया जब मुकेश का लन्ड मेरी चूत में गया मुझे
मेरी सुहाग रात वाली रात याद आ गयी

लेकिन मुकेश तो मेरी चूत चोदने में लगा था उउउउउउम्मम्मम अअअअअअअअ
मेरी चूत ओर मुकेश के लन्ड से चप चापा चप की आवाज़ आने लगी

फिर मुकेश मेरी चूत को तेज़ तेज़ छोड़ने लगा अअअअअअअ उउउउउउउम्मम्म
उसने मेरी चूत का जहाज बना दिया था अपने लंड से

5 मिनट बाद मुकेश ने फिर से अपना माल निकाल दिया लेकिन मेरी चूत की प्यास अभी
शांत नहीं हुई थी तभी मुकेश ने मेरी चूत में खीरा डाल दिया और हाथ से

अंदर भार करने लगा अब मेरी चूत अच्छे से खुल गयी थी तभी मुकेश ने
छोटे साइज का लम्बा सा लौकी मेरी चूत में पेल दिया उउउउउउम्मम्मम

अअअअअअअअ मुकेश ने अपने लन्ड के साथ साथ मुझे उस दिन खीरा और लौकी
से भी चोद दिया चुदाई के बाद मैं वापिस अपने बच्चो के पास आ गया

दोस्तों अब मैं मुकेश के लंड को अपनी चूत में जब चाहती हु फिट करवा लेती हु
मुकेश अपने लंड से मेरी चुदाई करके सब्ज़ी भी फ्री देता है

साथ में अब मुकेश मैं दुकान का किराया नहीं लेती मुकेश के साथ अब घर जैसी
बात है दोस्तों ये थी मेरी सब्ज़ी वाले भैया के साथ चुदाई वाली कहानी

आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताये धन्यावाद

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